प्रत्यारोपण एकमात्र उपाय था।ऐसे में प्रखर ने पिता को लिवर देने का निश्चय किया, लेकिन प्रखर को डॉक्टर के साथ प्रखर कौशल। दुर्लभ विसंगति साइटस इनवर्सस होने के कारण डॉक्टरों के लिए लिवर का हिस्सा निकालना चुनौती थी। हालांकि चोइथराम हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया।
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ये होता है साइटस इनवर्सस
इसमें शरीर के अंदरूनी अंग यानी किडनी, सभी ग्रंथियां तय स्थान पर नहीं होती हैं। सभी अंग उल्टी ओर होते हैं। यह भूण के दौरान विकसित होती है और करीब 10 हजार लोगों में एक व्यक्ति को होती है।
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कई तकनीकी चुनौतियां थीं सामने
सर्जरी टीम के डॉ. सुदेश शारदा ने बताया, प्रखर के लिवर का उल्टा हिस्सा लेकर पिता प्रदीप के सीघे हिस्से में लगाया गया। सर्जरी में वरिष्ठ लिवर प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. विवेक विज, प्रत्यारोपण प्रभारी डॉ अजय जैन, डॉ. नितिन शर्मा, डॉ. नीरज गुप्ता डॉ. शैलेष गुप्ता, डॉ. प्रियंका भगत, डॉ.अल्का जैन, डॉ. राहुल जैन और डॉ सपी जायसवाल आदि शामिल थे। ऑपरेशन के लिए संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने डॉक्टर्स को बधाई दी।
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